Tenants Right : अगर आप भी वर्तमान समय में अपने घर को किराए पर लगाए हुए हैं तो आप सभी लोगों के लिए यह खबर बहुत ही काम का होने वाला है। अतः इस खबर को अंत तक जरूर पढ़ते रहें ताकि आपको इस खबर में बतलाए गए जानकारी अंत तक पता चल सके।
बता दे की वर्तमान समय में जब भी कोई मकान मालिक अपने घर को किराए पर लगते हैं तो किरदारों एवं मकान मालिकों के बीच किसी न किसी बात को लेकर विवाद खूब देखने सुनने को मिलते हैं। वहीं इसके बावजूद भी मकान मालिक अपनी प्रॉपर्टी या अपने मकान को किराए पर धड़ल्ले से दे देते हैं।
आप सभी को बता दें कि वर्तमान समय में यह बहुत ही जोखिम भरा है। क्योंकि एक समय बाद किरदार ही उसे प्रॉपर्टी का मालिक बन बैठते हैं और असली प्रॉपर्टी के मालिक के पास हाथ मारने के सिवा कुछ नहीं बचता है। वही इसीलिए इस बारे में कानूनी प्रावधानों को किराए पर प्रॉपर्टी देने से पहले जान लेना बहुत ही जरूरी हो जाता है। ऐसे में लिए जानते हैं नीचे की लेख में कानूनी प्रावधानों के बारे में पूरी जानकारी विस्तार से।
Tenants Right : यह है कानूनी प्रावधान
आप सभी लोगों को बता दे की 12 साल तक लगातार बिना किसी रोक-टोक के किराए पर रहने वाले किरायेदारों के बाद कोई भी किरदार उसे मकान या प्रॉपर्टी का मालिक बन सकते हैं। हालांकि यह इतना आसान भी नहीं है। वहीं इसके लिए किराएदार को कोई सबूत जुटाना होगा।
वहीं अगर प्रॉपर्टी पर कोई किरायेदार कब्जा कर लेती है या हक जताते हैं तो आप कानूनी सहायता से उसे वहां से हटा सकते हैं लेकिन यह कदम आपको 12 वर्ष से पहले ही उठाने पड़ेंगे। ऐसे में बेहतर या होगा कि मकान या प्रॉपर्टी किराए पर देने से पहले रेंट एग्रीमेंट अवश्य बनवा लें।
Tenants Right : लिमिटेशन एक्ट 1963 की धारा 65 के अनुसार एडवर्स पजेशन का क्या कहता है नियम
आप सभी लोगों को बता दें की लिमिटेशन एक्ट 1963 की धारा 65 के अनुसार एडवर्स पजेशन का नियम कहता है कि अगर कोई किरायेदार 12 वर्ष तक की किसी प्रॉपर्टी पर कब्जा जताए हुए रहते हैं तो उसका मालिक वह खुद बन सकते हैं। वही अलग-अलग राज्यों में इसे लेकर नियमों में कुछ विभिन्नता भी है। वही सरकारी प्रॉपर्टी पर यह नियम लागू नहीं होते है। आइए और जानते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।
Tenants Right : मकान मालिक रेंट एग्रीमेंट बनवा कर रखें प्रॉपर्टी को सेफ
आप सभी मकान मालिकों को बता दें कि किराए से संबंधित सामान्य नियमों को जरूर फॉलो करने चाहिए नहीं तो आप अपनी प्रॉपर्टी भी खो सकते हैं। वहीं इसके लिए कोई भी प्रॉपर्टी को किराए पर देने से पहले उसे प्रॉपर्टी के मालिक और किराएदारों के बीच एक लिखित कानूनी किराएदारी,,, साइन कर लेने चाहिए वही इस रेंट एग्रीमेंट के नाम से जाने जाते हैं।
ये डिटेल होते है रेंट एग्रीमेंट में
बता दे की रेंट एग्रीमेंट में किराए की राशि, अवधि , रिपेयरिंग की जिम्मेदारी जैसी हर तरह की जानकारी शामिल होते है। वहीं इसके अलावा किराएदार एवं मकान मालिक के बीच किराए एवं प्रॉपर्टी को लेकर हुए अन्य बातों का भी लिखित में जीक्र होते है। वहीं इसके बाद किराएदार प्रॉपर्टी पर अपना मालिकाना है नहीं जता सकते है। और आपकी प्रॉपर्टी सेफ रहेंगे।
किराएदार एवं प्रॉपर्टी मलिक के लिए है कई नियम
व्हाट आर द की प्रॉपर्टी को किराए पर देने के लिए कुछ नियम और प्रावधान तय किए गए हैं। वहीं कई लोग इन नियमों के अनदेखी कर जाते हैं और बाद में प्रॉपर्टी गांवा देते है इसीलिए रेंट एग्रीमेंट तो सबसे पहले जरूरी है। ताकि कोई किरायेदार आपकी प्रॉपर्टी पर हक न जता सके।
बता दें कि किरायेदार कानून में मकान मालिक और किराएदार दोनों के लिए नियम एवं अधिकार भी तय किए गए। वही इस अनुसार दोनों अपने-अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर सकेंगे।