Tenant Rights : जैसा कि आप सभी लोगों को पता ही होगा कि वर्तमान समय में प्रॉपर्टी का रेट दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। वहीं पर पट्टी का रेट बढ़ाने की वजह से अक्सर व्यक्तियों को किराए के घरों में ही रहना पड़ता है। ऐसे में कोट कचहरी में कई बार देखने को मिल जाता है कि प्रॉपर्टी का मालिक किराएदार के साथ मनमानी करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिर्फ मकान मालिक ही नहीं किराएदार के पास भी कुछ कानूनी अधिकार होता है। आईए जानते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।
वर्तमान समय में आए दिन कोर्ट कचहरी में किराएदार और मकान मालिक के कई मामले सामने आते दिख जाती है। वही अक्षर देखने को मिलते हैं कि मकान मालिक किराएदारों को बीच कई मैटर होते हैं। वहीं कई बार तो ये परेशानी इतना अधिक बढ़ता हुआ देखा जाता है कि व्यक्तियों को कोर्ट में चक्कर लगाने पड़ते हैं। ऐसे में अगर कई किराएदार अपने अधिकारों के बारे में जानते हैं तो वो काफी आसानी से ही अपने अधिकारों के लिए लड़ सकते हैं। आईए और जानते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।
Tenant Rights : रेंट एग्रीमेंट में बता सकते हैं शर्तें
आप सभी लोगों को बता दे कि केंद्र सरकार ने किराया नियंत्रण अधिनियम के तहत मकान मालिक और किराएदारों दोनों के लिए ही कुछ अधिकारों को बताए गए हैं। वहीं इसका दूध के तहत इस बात की जानकारी दिया गया है कि एक किराएदार के साथ मकान मालिक को कैसा व्यवहार रखना चाहिए।
वहीं इसके अलावा ये भी बतलाई गए हैं कि मकान मालिक के पास क्या अधिकार होते हैं। आईए जानते हैं नीचे की लेख में और जानकारी विस्तार से।
Tenant Rights : मकान मालिक नहीं कर सकेंगे अपने अधिकारों का दुरुपयोग
आप सभी लोगों को बता दे की मकान मालिक और किराएदार के अधिकारों को तय करते हुए ही रेंट एग्रीमेंट बनाया जाता है। वही इस एग्रीमेंट में इस सभी जानकारी को लिखे जाती है कि मकान मालिक और किराएदार के क्या अधिकार होते हैं। बता दे की इस एग्रीमेंट पर किराएदार और मकान मालिक दोनों के ही हस्ताक्षर कराए जाते हैं।
वहीं एजेंट एग्रीमेंट में लिखा किसी भी बात का अगर दुरुपयोग करते हैं। तो आपको भारी पड़ सकता है आई और जानते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।
घर खाली करवाने को लेकर ये है नियम
आप सभी लोगों को बता दे की कानून के मुताबिक अगर मकान मालिक अपने किराएदारों से घर खाली करने के लिए इच्छुक है। तो उन्हें घर को खाली करने के लिए किराएदार को कम से कम 2 महीने का समय देने पड़ेंगे। वहीं इसके अलावा अगर किराएदार किराए पूछ चुका पाने में असमर्थ है तो वो मकान मालिक को कोई ठोस कारण बात कर घर में रहने की मोहलत मांग सकते हैं।
वही हालांकि अगर किराएदार किराए के घर में कोई गैर कानूनी काम कर रहे हैं तो मकान मालिक के पास ये पूरा अधिकार होता है कि वो घर को खाली कराए।
सिक्योरिटी मनी वापस पाने का अधिकार
बता दे की अगर आप किराए के मकान में वर्तमान समय में रहते हैं। तो ऐसे में आप मकान मालिक के पास ये अधिकार होते हैं कि वो किराएदार से सिक्योरिटी के रूप में राशि ले वही सिक्योरिटी मनी को लेकर भी कानून में कुछ नियम बनाए गए हैं। वहीं कोई भी मकान मालिक किराएदार से सिक्योरिटी मनी के रूप में दो महीने की किराया राशि के अधिक पैसा नहीं ले सकते हैं।
वहीं इसके अलावा जब किराएदार घर को खाली कर रहे हैं तो उसके पास इस राशि को पैसा पाने का पूरा अधिकार होता है।
इस समय ही बढ़ाया जा सकता है किराया
बताने की रेंट एग्रीमेंट को बनवेट समय ही मकान मालिक को ये स्पष्ट करना होता है कि वे कितने समय के बाद किराए को बढ़ा सकते हैं। वहीं इसके अलावा रेंट एग्रीमेंट के 11 महीने पूरे होने से पहले किराए को नहीं बढ़ाए जा सकते हैं। वहीं अगर मकान मालिक इनमें से किसी भी नियमों का उल्लंघन करते हैं। तो किराएदार कोर्ट में मकान मालिक के खिलाफ कार्रवाई भी कर सकते हैं।