School Holiday : बता दे की दिन प्रतिदिन गर्मी का मौसम बढ़ता जा रहा है। अब ऐसे में छोटे बच्चों को स्कूल जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रतीक साल बच्चों के स्कूल में गर्मी की छुट्टी होती है। हर साल की तरह इस बार भी ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा कर दिया गया है। ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा के बाद बच्चों में खुशी की लहर है। आईए जानते हैं कौन से राज्य में बच्चों की गर्मी की छुट्टी घोषित की गई है।
School Holiday : उत्तर प्रदेश में स्कूलों में छुट्टी
बताने की उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालय में गर्मी की छुट्टी की घोषणा कर दिया गया है। वही यह छुट्टी 19 में को पढ़ाई के बाद दी गई है। 21 मई से लेकर 10 जून तक समर कैंप का आयोजन किया गया है। इसमें चुनिंदा छात्र भी भाग लेने वाले हैं। इसके अलावा माध्यमिक विद्यालय में मंगलवार को 21 में को पढ़ाई के बाद 30 जून तक अवकाश की घोषणा किया गया है। हालांकि शुरू में शासकीय सहायता और प्राप्त स्ववित्ती पॉजिट स्कूलों को समर कैंप से छुट्टी दिया गया था, लेकिन अब कई जिले में प्रशासन के तरफ से यहां भी कैंप आयोजित करने को लेकर बैठक भी शुरू किया गया है। इस फैसले को लेकर शिक्षकों में असंतोष और भरम की स्थिति भी बना हुआ है।
School Holiday : चंडीगढ़ में मौसम की चेतावनी पर स्कूलों में छुट्टी
बता दे की चंडीगढ़ में मौसम विभाग के तरफ से चेतावनी के बाद प्रशासन की तरफ से 23 मई से 30 जून तक गर्मी की छुट्टी घोषित किया गया है। हालांकि शिक्षकों को 28 जून तक स्कूलों में उपस्थित रहकर नए सत्र की तैयारी और समीक्षा का कार्य मिशन लेने होंगे।
हरियाणा में स्कूलों में छुट्टी
हरियाणा सरकार की तरफ से प्रदेश भर में सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में 1 जून से लेकर 30 जून तक गर्मी की छुट्टी का ऐलान किया गया है। यह फैसला भीषण गर्मी को देखते हुए दिए गए हैं और सभी संस्थाओं को इसका पालन सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिए गए हैं।
बिहार में स्कूलों में छुट्टी
बता दे की शिक्षा विभाग की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार 2 जून से लेकर 21 जून 2025 तक गर्मी की छुट्टी का घोषणा किया गया है। इस घोषणा के बाद शिक्षा विभाग ने बताया कि छुट्टी के दौरान कक्षा 5 और 6 के उन विद्यार्थियों के लिए विशेष मठ समर कैंप लगाए जाएंगे। जिनकी अंक गिनती है पकड़ कमजोर है। यह पहला प्रथम संस्था के सहयोग से राज्य भर में गली मोहल्ला, गांव गांव और टोला टोला तक पहुंचाया जाएगा। जिससे कि बच्चों को दूरी तथा संस्थाओं की कमी के कारण अवसर से वंचित न रहना पड़े।