Property Acquisition : थर-थर कापेंगे जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले, बिना किसी लड़ाई झगड़े के उठाएं यह कदम।

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Property Acquisition : प्रत्येक दिन अवैध कब्जे को लेकर लड़ाई झगड़ा सुनने और देखने को मिल जाते हैं। अदालत में भी कई ऐसे हजारों केस पेंडिंग पड़ा हुआ है जिसका अभी तक समाधान नहीं हो पाया है। प्रॉपर्टी से जुड़े कई मामला (Many matters related to property) कोर्ट में लटकती रहती हैं। ऐसे में आज हम आपको यहां बताने वाले हैं कि आप किस तरीके से आसानी से अपने प्रॉपर्टी किसी दूसरे के कब्जे से छुड़ा सकते हैं।

Property Acquisition : बिना लड़ाई झगड़े के प्रॉपर्टी से कब्जा कैसे हटाए।

जमीन को लेकर शुरू से ही अवैध कब्जा चला आ रहा है। यह कोई नई बात नहीं है कि जमीन, घर और मकान पर अवैध कब्जा (Illegal Occupation Of Land)  हुआ हो। हालांकि अब सभी रिकॉर्ड पूरी तरह ऑनलाइन हो गए हैं। लेकिन अभी भी कई राज्यों में जमीन कब्जे को लेकर कई शिकायतें मिलती रहती है। जिसके कारण झगड़ा मारपीट यहां तक की जमीन की लड़ाई झगड़ा में मृत्यु हो जाती है।

अगर आपका भी जमीन या प्रॉपर्टी पर कोई अवैध कब्जा (Illegal occupation of land or property) कर लिया है तो उससे लड़ाई झगड़ा बिल्कुल भी ना करें। आप चाहे तो बहुत ही आसान तरीके से अपने प्रॉपर्टी पर किए हुए कब्जे को छुड़वा सकते हैं। इस मामले को लेकर सरकारी तंत्र खुद मदद करते हैं। परंतु बहुत से ऐसे लोग हैं जिनको इस बारे में जानकारी ही नहीं होती है। यदि आप भी ऐसे कानून के बारे में जान लेंगे तो आप खुद कभी ऐसी मुसीबत में नहीं फसेंगे।

आज यहां पर हम आपको बताने वाले हैं कि आप अपनी प्रॉपर्टी या फिर जमीन, घर, दुकान पर हुए अवैध कब्जे को कैसे हटवा पाएंगे। इसके लिए कुछ नियम एवं कानून (Property Rules) बनाए गए है। इसमें शुरुआती की 3 धाराएं आपराधिक कानून है जबकि अंतिम धारा सिविल कानून के तहत में आता है।

IPC की धारा 420

भारतीय कानून में आईपीसी धारा 420 सबसे चर्चित धारा है। यह धारा का इस्तेमाल मुख्य रूप से धोखाधड़ी के अनेक मामलों में किया जाता है। अगर किसी व्यक्ति के साथ मारपीट करके या फिर बाल का प्रयोग करके उसकी संपत्ति से हटाया या कब्जा कर लिया जाता है तो यह कानून बहुत ही उपयोगी है। किसी भी पीड़ित को सबसे पहले इसका ही इस्तेमाल करना चाहिए और इसके बारे में पता होना चाहिए।

IPC की धारा 406

भारतीय कानून आईपीसी धारा 406 का इस्तेमाल उसे समय किया जाता है जब किसी व्यक्ति या फिर किसी अन्य व्यक्ति का विश्वास पात्र बनकर उसकी प्रॉपर्टी को हड़प लेता है या कब्जा कर लेता है। इस प्रकार प्रॉपर्टी को अपने कब्जे में कर लेना एक संगीन अपराध माना गया है। पीड़ित व्यक्ति इस धारा के तहत अपने नजदीकी पुलिस थाना में भी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।

IPC धारा 467

अगर किसी व्यक्ति का जमीन कोई फर्जी तरीके से अपना लिया है और वह फर्जी दस्तावेज बनवाया हुआ है तो यह कानून का सहायता लिया जा सकता है। यह धारा कूट रचना कानून के तौर पर भी जाना जाता है। इसमें कूटनीति के तहत फर्जी दस्तावेज बनाकर किसी व्यक्ति के संपत्ति को हड़पने के मामले को निपटान किया जाता है।

स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट

आपको बता दे कि भारतीय कानून (Indian Law) में यह एक सिविल कानून है। जिसका इस्तेमाल उस स्थिति में किया जाता है जिसमें किसी व्यक्ति के साथ धोखाधड़ी नहीं हुआ हो, ना ही किसी भी फर्जी दस्तावेज बनाए गए हो। आरोपी व्यक्ति बस मनमर्जी से पीड़ित की संपत्ति पर जबरन कब्जा कर लेता है। और अपने बल के कारण उसे जमीन को नहीं छोड़ता है। तो ऐसे में धारा 6 के तहत पीड़ित को जल्दी व आसन न्याय देने का प्रावधान है। हालांकि इस कानून में एक पेज है कि कब्जे के 6 महीने के अंदर ही इस कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है। और दूसरा सबसे बड़ा पेन किया है कि इसके तहत सरकार के खिलाफ मुकदमा नहीं कर सकते हैं।

ऊपर दिए गए कानून के बारे में जो बताया गया है वह इस्तेमाल कर सकते हैं। यदि आपका धन संपत्ति है या फिर प्रॉपर्टी है और आप गलत नहीं है तो सरकारी तंत्र आपकी मदद जरूर करेगी। और आपकी जमीन या फिर प्रॉपर्टी आपको दिलाने में मदद करेगा हालांकि इस तरह के मामले आपको पेशेवर वकील से सलाह लेना चाहिए।

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