New Building Bylaws in Rajasthan : अगर आप भी राजस्थान से हैं और आप भी वर्तमान समय में घर बनाने का प्लानिंग कर रहे हैं तो आपको बता दें कि राजस्थान सरकार के द्वारा मकान बनाने के लिए नया नियम लागू किया गया है। जो आप सभी लोगों को जान लेना बहुत ही जरूरी हो जाता है। आईए जानते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।
राजस्थान में रहने वाले लोगों के लिए एक बहुत ही बड़ी खबर निकलकर आ रहा है। ऐसे में अगर आप भी राजस्थान से हैं तो आपको बता दें कि राजस्थान सरकार ने राज्य भर में नई निर्माण नीतियों को लागू करते हुए बिल्डिंग बायलॉज में बड़ा बदलाव किए हैं।
वहीं अब 15 मीटर से ऊंची इमारत को हाई राइज माने जाएंगे और 500 वर्ग मीटर से छोटे भूखंडों को फ्लाइट्स अपार्टमेंट नहीं बन सकेगा। वही यह फैसला शहरी विकास में संतुलन और स्थानीय व्यक्तियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिए गए हैं। आइए और जानते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।
New Building Bylaws in Rajasthan : राजस्थान में नई बिल्डिंग बायोलॉज हुआ लागू
आपको बता दे की नई गाइडलाइन के मुताबिक 9 मीटर चौड़ी सड़क पर केवल जी+2 , 12 मीटर चौड़ी सड़क पर जी+3 और 750 वर्ग मीटर से बड़े भूखंड पर ही जी+4 इमारतें बनाए जा सकेंगे। वही 750 वर्ग मीटर से बड़े व्यावसायिक भूखंडों पर 10 से 20% क्षेत्र इको फ्रेंडली रखना अनिवार्य कर दिए गए हैं।
वहीं 10000 वर्ग मीटर से बड़े भूखंडों पर ग्रीन बिल्डिंग बनाना अनिवार्य होगा। आईए और जानते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।
New Building Bylaws in Rajasthan : कितना गलियारा, रोड से कितना अंदर हो दीवार
बता दे की रूफटॉप रेस्टोरेंट के लिए अब बड़े शहरों में 24 मीटर और छोटे शहरों में 28 मीटर चौड़े सड़क होने जरूरी होगे। वही हॉस्टल निर्माण के लिए 500 वर्ग मीटर का भूखंड और 12 मीटर चौड़ी सड़क अनिवार्य कर दिया गया है वहीं फायर ब्रिगेड की सुविधा को ध्यान में रखते हुए 6 मिटर का गलियारा छोड़ना अनिवार्य होंगे वही कमर्शियल कंपलेक्स और अस्पतालों में 15% विजिटर पार्किंग और हर फ्लाइट के लिए एक कर पार्किंग स्थान बनाने होंगे।
वह मल्टी स्टोरी इमारतों में अधिकतम 16 मीटर का ही सेटबैक अनिवार्य किए गए हैं। जिससे भावनाओं के डिजाइन में लचीलापन आएंगे। आईए और जानते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।
यूडीएच मंत्री बताएं इसकी वजह
बता दे की यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बतलाई की यह बदलाव नेशनल बिल्डिंग कोड के अनुसार किया गया है। जिससे विकास योजनाएं अधिक व्यवस्थित और पारदर्शी बनेगा।