MP New Rail Line : अगर आप भी मध्य प्रदेश राज्य से हैं और आप भी रेलवे का सफर हमेशा करते हैं तो आप सभी लोगों के लिए यह खबर बहुत ही काम का होने वाले हैं। ऐसे में आप सभी इस खबर को अंत तक जरूर पढ़ते रहें ताकि आपको इस खबर के बारे में पूरी जानकारी विस्तार से पता चल सके।
MP New Rail Line : मध्य प्रदेश में बिछेगी नई रेलवे लाइन
मध्य प्रदेश राज्य के रहने वाले लोगों के लिए बहुत ही बड़ी खुशखबरी की खबर निकलकर आ रहा है। ऐसे में अगर आप भी मध्य प्रदेश राज्य से हैं और आप भी ट्रेन में सफल हमेशा करते हैं तो आप सभी को बता दे की मध्य प्रदेश में एक नई रेलवे लाइन बिछाई जाने वाले हैं। वही इस नई रेलवे लाइन (Madhya Pradesh New Rail Line) की लंबाई 56 किलोमीटर है। जो की महू से मुख्तियारा बलवाड़ा के बीच बिछने वाले हैं। आपको बता दे की महू – सनावद बॉडगेज के तहत ये नई रेलवे लाइन बिछेगी।
वहीं इसके लिए 454 हेक्टेयर वन भूमि का अधिग्रहण किए जाएंगे। जो इंदौर-खरगोन वन मंडलों की है। वही वन मंडल स्तर पर सर्वे पूरा हो चुके हैं। वही इस नई रेलवे लाइन को बचाने के लिए करीब डेढ़ लाख पेड़ काटे जाएंगे। आईए और जानते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।
56 किलोमीटर की पटरियां बिछाई जाएगी
Mhow New Railway Line : आप सभी को बता दे की महू – मुख्तियारा बलवाड़ा के बीच नई रेलवे लाइन के लिए 56 किलोमीटर की पटरिया बिछाए जाएंगे। वही यहां बॉडगेज का काम अलग-अलग कर्म के चलते 3 साल से अटका हुआ है। बता दे की ट्रेन की स्पीड बढ़ाने के लिए पश्चिम रेलवे ने पहले अलाइनमेंट बदला। वहीं इसके बाद डबल लाइन को लेकर सर्वे किए हैं। ऐसे में अब मिल रही जानकारी के मुताबिक भले ही पश्चिम रेलवे डबल लाइन के लिए सर्वे करवा रहे हैं लेकिन अभी सिंगल लाइन के हिसाब से पटरियां बिछाए जाएंगे।
इंदौर -खरगोन वनमंडल की भूमि होगा अधिग्रहित
आपको बता दें की नई रेलवे लाइन के लिए इंदौर-खरगोन वन मंडल की कुल मिलाकर 453 हेक्टेयर वन भूमि अधिग्रहित किए जाएंगे। वहीं इसमें इंदौर वनमंडल की 407 और खरगोनवन मंडल की 46 हेक्टेयर वन भूमि होगा वहीं महू वनक्षेत्र से 1 लाख 40 हजार और बड़वाह वनक्षेत्र से 15000 पेड़ काटे जाएंगे। जो वन भूमि अधिग्रहित किए जाएंगे। वहीं उसके बदले में रेलवे वन विभाग को 13 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा देंगे। वही इतना ही नहीं जो पेड काटे जाएंगे उनके बदले रेलवे 10 गुना ज्यादा पौधे लगाएंगे। वही यह काम भले ही वन विभाग करेंगे मगर पौधा रोपण का खर्च रेलवे उठाएंगे।