Income Tax : खेती वाली जमीन बेचने पर अब देना होगा इतना टैक्स, जानिए इनकम टैक्स के नियम।

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Income Tax On Farm Land : गांव के साथ-साथ शहर में भी खेती वाली जमीन होती है। ऐसे में जब जमीन पर लोग खेती करते हैं तो कमाई भी करते हैं। खेती करने के साथ-साथ जमीन बेचकर भी लोग लाभ कमाते हैं। खेती की जमीन का सौदा लाखों रुपए में होता है, लेकिन बहुत सारे लोग कंफ्यूज रहते हैं कि खेती की जमीन बेचने पर आखिर कितना टैक्स लगेगा लिए जानते हैं इनकम टैक्स कानून (Income Tax Rules Farm Land) इस बारे में क्या कहता है?

Income Tax On Land : खेती वाली जमीन पर लगेगा इतना टैक्स।

खेती से बहुत प्रकार से कमाई की जा सकती है। खेती के साथ अन्य कार्य करते हुए भी लोग लाखों में कमाई करते हैं। इसके साथ ही खेती की जमीन बेचकर भी लोग आमदनी करते हैं। कई लोगों का मन में सवाल यह होता है की खेती की जमीन बेचने पर आखिर कितना टैक्स लगता है?

अधिकतर लोग इस बात से अनजान होते हैं की इनकम टैक्स विभाग इसे लेकर क्या नियम बनाए हुए हैं? और इनकम टैक्स एक्ट में इसको लेकर क्या प्रावधान किए गए हैं। अगर आप भी अनजान है और जानना चाहते हैं की खेती की जमीन पर कब और किस स्थिति में इनकम टैक्स देना पड़ता है? और कब नहीं देना पड़ता है, तो यहां पर आपको इस सवाल का पूरा जानकारी देने वाले हैं।

खेती की जमीन कितने प्रकार की होती है?

सबसे पहले आपको जानना होगा की खेती की जमीन दो प्रकार की होती है, खेती की जमीन को फार्म लैंड (Farm Land) कहते हैं या फिर एग्रीकल्चर लैंड (Agriculture Land) कहते हैं। एक तो रूरल फार्म लैंड (Tax On Rural Farm Land) और दूसरी और अर्बन फार्म लैंड होती है। उनके नाम से ही पता चल जाता है रूरल यानी कि ग्रामीण क्षेत्र वाली खेती की जमीन और अर्बन यानी कि शहरी क्षेत्र वाली खेती की जमीन।

गांव को छोड़ दे तो कई ऐसे इलाके मौजूद हैं, जो शहर में गिने जाते हैं और वहां पर भी खेती होती है। यह इलाका इनकम टैक्स के नियम के अनुसार एग्रीकल्चर लैंड में नहीं होता है।

इनकम टैक्स एक्ट में यह है नियम

इनकम टैक्स एक्ट की धारा 2(14) के अनुसार जो जमीन म्युनिसिपालिटी, नोटिफाइड एरिया कमेटी, टाउन एरिया कमेटी या फिर कैंटोनमेंट बोर्ड में आती है और उसकी जनसंख्या 10000 या फिर उससे ज्यादा होती है यह जमीन कृषि भूमि नहीं होती है। इनकम टैक्स एक्ट ऐसे जमीन को एग्रीकल्चर लैंड (Agriculture Land News) की संज्ञा नहीं देता है। म्युनिसिपालिटी या फिर कैंटोनमेंट बोर्ड की आबादी 10 हजार से 1 लाख तक होती है तो इसके चारों ओर दो किलोमीटर के दायरे तक भूमि भी कृषि भूमि नहीं माना जाता है।

यह भूमि नहीं होता है कृषि भूमि

इसी प्रकार से म्युनिसिपालिटी या फिर कैंटोनमेंट बोर्ड की आबादी 1 लाख या उससे अधिक 10 लाख तक है तो उसके चारों ओर का 6 किलोमीटर का इलाका एग्रीकल्चर लैंड नहीं माना जाएगा। इसी नियम के समान म्युनिसिपालिटी या कैंटोनमेंट में 10 लाख से ज्यादा आबादी होने पर चारों ओर का 8 किलोमीटर का इलाका एग्रीकल्चर लैंड में शामिल नहीं है।

कौन सी जमीन पर नहीं लगेगा इनकम टैक्स

कौन सी जमीन पर आपको इनकम टैक्स देने की जरूरत नहीं पड़ती है। अगर आपके पास खेती वाली जमीन है, जो रूरल एग्रीकल्चर लैंड (Rural Agriculture Land) में आती है तो उसे आयकर कानून के तहत कैपिटल एसेट नहीं माना जाता है। और इसे बेचने पर भी इनकम टैक्स देना होता है। रूरल एग्रीकल्चर लैंड की बिक्री से हुई कमाई पर कोई भी कैपिटल गेन नोटिस नहीं लगता है। अर्बन एग्रीकल्चर लैंड की बिक्री से हुए मुनाफे पर कैपिटल गेन टैक्स देना होता है।

कब तक देना होता है टैक्स

किसी खेत की जमीन अगर अर्बन एग्रीकल्चर लैंड में आ जाता है और इसे 2 साल रखकर बेचा जाता है तो इससे मिलने वाले लाभ पर टैक्स भी देना पड़ता है। इस लाभ को लॉन्ग टर्म कैपिटल गैन माना जाता है। और इस पर इंडेक्सेशन लाभ के साथ 20% टैक्स भी देना होगा। 2 साल से पहले ऐसी जमीन बेचते हैं तो इससे होने वाले मुनाफे को शॉर्ट टाइम कैपिटल गेन माना जाता है। और इस पर टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स का भुगतान भी करना होता है।

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