FASTAG System Ends : फास्टैग का सिस्टम खत्म, चालू हुई नई टोल नीति, अब इस तरह काटेगा टोल टैक्स।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

FASTAG System Ends News : भारत देश में वाहन चलाने वालों के लिए एक बड़ी जरूरी खबर है, दरअसल आप सभी को बता दे कि केंद्र सरकार की तरफ से नया टोल कनेक्शन सिस्टम (New Toll Connection System) लाया जा रहा है, जो मौजूदा समय में FASTAG प्रणाली के जगह लेगी। इसके चलते इस तरीके से टोल टैक्स कटेगा। इस अपडेट से जुड़ी हुई पूरी जानकारी नीचे आर्टिकल में बताई गई है।

FASTAG System Ends : फास्टैग का सिस्टम होगा खत्म।

केंद्र सरकार जीपीएस (GPS) आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम को ला रही है, जो फिलहाल फास्टैग (FASTAG) प्रणाली की जगह लेने वाली है। इस नई व्यवस्था से, टोल का भुगतान तय की गई दूरी के हिसाब से ही होगा।

बताने की केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जी की तरफ से बताया गया है कि नहीं टोल नीति 15 दिनों के भीतर घोषित कर दिया जाएगा और जल्द ही इस पर काम भी शुरू होगी। यह कदम भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के तरफ से उठाया जा रहा है।

GPS से टोल कलेक्शन

बता दे कि भारत जल्द से जल्द टोल कलेक्शन के लिए फास्टैग को ग्लोबल नेवीगेशन सेटेलाइट सिस्टम (GNSS) आधारित प्रणाली से बदलने वाला है। 2016 में लागू फास्टैग से लेन देन में तेजी आई थी, इसके साथ-साथ लोगों को सहूलियत भी मिला था।

अब एक नई टोल नीति आ रही है। GNSS इस नई प्रणाली के साथ टोल कलेक्शन को अधिक कुशल और निर्वाण बनाने का लक्ष्य रखता है।

बता दे की भी हाल ही में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जी के तरफ से नागपुर में पुष्टि किया गया है कि ग्लोबल नेवीगेशन सेटेलाइट सिस्टम (GNSS) आधारित सिस्टम अप्रैल के अंत तक शुरू हो जाएगा। कुछ देरी के बाद पहले इसे 1 अप्रैल से लांच किए जाने की उम्मीद था लेकिन अब केंद्र सरकार जल्द से जल्द शुरू करने की योजना बना रहा है।

GNSS आधारित टोल सिस्टम किस प्रकार काम करता है।

RFID – आधारित फास्टैग के विपरीत, एक नई टोल संग्रह प्रणाली (GNSS) तकनीक का उपयोग करेगी। इसमें आपकी कर की वीडियो शील्ड पर टाइप की आवश्यकता नहीं होगा। इसके जगह पर अब आपकी कर में स्थापित एक ऑन बोर्ड यूनिट या ट्रैक्टर के माध्यम से उपग्रह का उपयोग करके वाहन की आवाजाही को ट्रैक किया जाएगा।

इससे आपके राजमार्ग उपयोग की सटीक निगरानी भी होगी और उसी के अनुसार आपसे शुल्क लिया जाएगा। टोल शुल्क की गणना यात्रा की गई दूरी के आधार पर किया जाएगा और लिंक किए गए डिजिटल वॉलेट से स्वचालित रूप से काट लिया जाएगा। नई टोल कलेक्शन सिस्टम से प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों बिलिंग विकल्पों का समर्थन की उम्मीद है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Leave a Comment