Supreme Court Decision : क्या मकान मालिक खाली करवा सकते हैं घर, सुप्रीम कोर्ट ने दिया अहम फैसला।।

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Supreme Court Decision : प्रॉपर्टी पर अधिकार को लेकर वर्तमान समय में बहुत सारे लोगों में कई तरह की कंफ्यूज है। बता दे कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रॉपर्टी मलिक के अधिकारों से जुड़े एक मामले में आम फैसला सुना हैं। वहीं इस फैसले की चारों ओर चर्चाएं हो रहे हैं बता दे कि इस फैसले से आप भी यह जान सकेंगे की मकान मालिक को किसी से अपना घर खाली करवाने का अधिकार है या नहीं। आईए जानते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।

बता दे कि आमतौर पर यही समझा जाता है कि एक मकान मालिक का अपनी प्रॉपर्टी पर हर तरह का अधिकार होता है। लेकिन कई मामलों में पेंच इतना फंस जाता है कि प्रॉपर्टी पर अधिकार के मामले कोर्ट तक पहुंच जाते हैं।

वही मकान मालिक के प्रॉपर्टी अधिकारों पर सुप्रीम कोर्ट ने आम फैसला सुना दिए हैं। ऐसे में इससे यह बात क्लियर होता है कि कोई मकान मालिक किसी किराएदार से अपना घर खाली करवा सकते हैं। या फिर नहीं आईए जानते हैं क्या कहे हैं सुप्रीम कोर्ट ने।

Supreme Court Decision : प्रॉपर्टी से जुड़ा मामला यह था

बता दे की एक मामले के अनुसार एक मकान मालिक अपनी प्रॉपर्टी यानी मकान को अपनी जरूरत अनुसार उपयोग करना चाहते थे। वही उसके दो बेरोजगार बेटों का रोजगार स्थापित करने के लिए उसे अपने ही मकान के एक हिस्से में अल्ट्रासाउंड मशीन लगाने थे।

वही मकान के इस हिस्से में पहले से ही कोई किरायेदार रहते थे। ऐसे में किरदार ने यह तर्क दिए कि मकान मालिक के पास मकान में और भी हिस्सा खाली है। वही वहां पर रोजगार स्थापित करवा सकते हैं। यह कहते हुए किरदार ने मकान खाली करने से मना किए थे।

Supreme Court Decision : निचली अदालत से मकान मालिक को नहीं मिले राहत

बता दे की मकान मालिक ने मकान के जिस हिस्से को खाली करने की जरूरत बतलाए थे। उसे लेकर निचली अदालत में किराएदार को वह हिस्सा खाली करने के आदेश नहीं दिए वहीं इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा वही इस मामले में ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट ने मकान मालिक की याचिका को खारिज कर दिए थे।

Supreme Court Decision : सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों के फैसले को पलटा

बता दे कि सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों के फसलों को पलट दिए और कहे की मकान मालिक अपने मकान का कोई भी हिस्सा खाली करने का अधिकार रखते हैं। वही वह अपनी जरूरत अनुसार किराएदार से इसे खाली करवा सकते हैं। वही अपनी जरूरत के सबूत पेश करके मकान मालिक ऐसा कर सकते हैं और किराएदार को मकान खाली करने होंगे। आईए और जानते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।

किराएदार को नहीं है ये अधिकार

बता दे की मकान मालिक को और प्रॉपर्टी के ही किसी हिस्से की वास्तविक जरूरत है तो इसे खाली करने को लेकर मकान मालिक खेत तय करेंगे कि उसे कौन सा हिस्सा खाली करना है। वहीं किराएदार इसमें कोई सुझाव सलाह एवं तर्क नहीं दे सकते हैं और ना ही किराएदार इस पर कोई आपत्ति कर सकते हैं। वही उसे मकान का वह हिस्सा खाली करने ही होंगे।

जिसकी मकान मालिक को वास्तव में जरूरत है। वास्तविक जरूर साबित हो चुके हैं। आईए और जानते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से यह आया सामने

  • आप सभी को बता दे कि अगर किसी मकान मालिक की जरूरत वैध है तो उसे साबित करना होगा कि उसकी जरूरत वास्तविक है यानी वह मनमर्जी से मकान का कोई हिस्सा एन टाइम पर खाली नहीं करवा सकते हैं।
  • वहीं दूसरी बात या साबित होता है कि मकान मालिक की जरूरत साबित होने पर किराएदार का विरोध अस्वीकार्य होगा।
  • वही बेटों के रोजगार के लिए प्रॉपर्टी खाली करने का फैसला सही और जरूरी है।
  • बता दे कि किराएदार मकान मालिक के पास आने संपत्तियां होने के विकल्प पर विचार करने की सलाह नहीं दे सकते हैं।
  • वही मकान मालिक अपनी जरूरत खुद देखेंगे और उसे साबित करते हुए अपने मकान का कोई भी हिस्सा किराएदार से खाली करवा सकते हैं।
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