Bihar Cable Bridge : अगर आप भी बिहार राज्य से हैं तो आप सभी लोगों के लिए यह खबर बहुत ही काम का होने वाला है। ऐसे में इस खबर को अंत तक जरूर पढ़ते रहें ताकि आपको इस खबर में बताए गए पूरी जानकारी विस्तार से पता चल सके।
अगर आप भी बिहार राज्य से हैं तो आप सभी को बताने की बिहार में देश का सबसे बड़ा एक्स्ट्रा डोज केवल ब्रिज का निर्माण कार्य की प्रक्रिया चल रहे हैं। वही इस परियोजना का नाम कच्ची दरगाह बिदुपुर अच्छा लेन गंगा पुल है। आपको बता दें की मुख्य पल 9.76 किलोमीटर लंबे होने वाले हैं। जबकि एप्रोच पथ के साथ ही इसकी लंबाई 19.76 किलोमीटर है।
बता दे कि पहले चरण के तहत यह पुल पटना से राघोपुर दियारा तक 6 किलोमीटर लंबा है। वहीं दूसरे चरण का काम भी 80% से ज्यादा पूरा कर लिए जा चुके है। वही इस ब्रिज में खर्च होने वाली रुपया की बात करें तो लगभग 5000 करोड रुपए की लागत से यह ब्रिज निर्माण होने वाले हैं। आइए और जानते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।
Bihar Cable Bridge : यह ब्रिज की क्या है खासियत, जानिए नीचे की लेख में
बता दे कि यह एक्स्ट्रा डोज केवल ब्रिज है वहीं इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें केबल्स उसको सीधे टावर से नहीं बल्कि देखकर नीचे एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक विशेष ढंग से जोड़े गए हैं। वहीं इससे इसकी संरचना न केवल अत्यधिक बने हैं। बल्कि मजबूती भी कई गुना ज्यादा है आईए और जानते हैं। नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।
Bihar Cable Bridge : इस पुल का निर्माण तकनीक भारत में गिने – चुने पुलों में हुए हैं इस्तेमाल
आपको बता दें कि इस पुल का निर्माण तकनीक भारत में गिने – चुने पुलों में वही ऐसे पुल में देख के ऊपर टावर की ऊंचाई कम होते है वहीं पारंपारिक केवल स्टेड ब्रिज में लंबे टावर और अधिक तनाव वाले केबल होते हैं
इस पुल में टोटल खंभे की संख्या कितनी है, जानिए नीचे की लेख में
बता दे की पुल में टोटल खंभे की संख्या 67 है वही स्कूल को संतुलित कैटिलिवर तकनीक का इस्तेमाल करके बनाए गए हैं। जो बेहतर संतुलन और संरचनात्मक मजबूती प्रदान करते हैं। वही साथ ही ऐसे पुल लंबे समय तक चलते हैं बता दे कि इस तकनीक का प्रयोग वाहन किए जाते हैं। जहां भूमि समिति हो और पास में समुद्र या नदी हो।
दो खंभों के बीच का अंतर है 150 मीटर
बता दे की अतिरिक्त डोज केवल का इस्तेमाल करके लोड को संतुलित किए जाते हैं। वही दो के बीच खंभों के बीच 150 मी का अंतर है। जिससे बड़े जहाज आसानी से पुल के नीचे से गुजर सकते है। वहीं इसकी ऊंचाई गंगा के जल स्तर से लगभग 13 मीटर है। वही बाढ़ के दौरान भी आवागमन में कोई कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
बता दे की पुल का भार परीक्षण भी पूरा हो चुका है। वहीं प्रत्येक स्पैन ( दो सपोर्ट के बीच का भाग) 996 टाइम से अधिक भार सहन करने में सक्षम है। वही यह सिक्स लेन वाला पुल है जिसमें जाने और आने के लिए तीन-तीन लेन हैं। बता दे कि यह पल पर सोलर वाली हाई मास्ट लाइटें लगाए गए हैं।
इस परियोजना पर करीब कितने कर्मचारी और कितने इंजीनियर कर रहे हैं काम, जानिए नीचे की लेख में
आपको बता दे की एलएंडटी और कोरियाई कंपनी देवू पुल- सड़क का निर्माण कर रहे हैं। वही इस परियोजना पर करीब 7000 कर्मचारी, 1000 इंजीनियर और सुपरवाइजर दिन रात काम कर रहे है।