RBI FD Rules : फिक्स्ड डिपॉजिट करने वालों को बल्ले-बल्ले, आरबीआई ने FD के नियमों में किया बड़ा बदलाव।

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RBI FD Rules : बैंकिंग सेक्टर को मौजूद बनाने के लिए आरबीआई की तरफ से लगातार प्रयास किया जा रहा है। आप सभी को बता दे की हाल ही में बैंकिंग सिस्टम में आम लोगों से जुड़े हुए कई तरह के बदलाव कियागए हैं। फिक्स डिपाजिट के नियमों (Fixed Deposit)  में बदलाव किया गया है। आप भी फिक्स डिपॉजिट में निवेश करने के बारे में प्लान बना रहे हैं तो आपको बता दे की हाल ही में फिक्स डिपाजिट को लेकर एक नई गाइडलाइंस पुजारी किया गया है।

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RBI FD Rules : आरबीआई ने फिक्स्ड डिपॉजिट के नियमों में किया बदलाव।

भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा कई नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। बैंक संबंधी कई नियम, जो आम लोगों से जुड़ा हुआ होता है, उसमें बदलाव किए गए हैं। ऐसा ही एक नियम फिक्स डिपाजिट से जुड़ा हुआ है। आरबीआई की तरफ से फिक्स डिपाजिट को लेकर एक नया गाइडलाइन को जारी किया गया है, अगर आप भी फिक्स डिपाजिट (FD Rules) करवाए हुए हैं, या करवाने वाले है, तो हर एक व्यक्ति को यह जानकारी जानना होगा।

बता दे कि भारतीय रिजर्व बैंक के तरफ से हाउसिंग फाइनेंस कंपनी (HFC) और गैर बैंकिंग फाइनेंस कंपनी के लिए अपडेट किए गए रेगुलेटरी फ्रेमवर्क को लागू कर दिया गया है। अगस्त में इन संशोधित दिशा निर्देशों को जारी किया गया था। इसमें पब्लिक डिपॉजिट का अप्रूवल और रीपेमेंट, इमरजेंसी एक्सपेंस, नॉमिनेशन डिपॉजिट के बारे में डिपॉजिटर्स को नोटिफाई करना जैसे कई चीजों को शामिल किया गया है।

RBI FD Rules कौन-कौन सा नियम में किया है बदलाव

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देश के अनुसार, जमा करता छोटी जमा राशियों (₹10000) की पूरी राशि बिना किसी ब्याज के जमा करने के 3 महीने के भीतर ही निकाल पाएंगे।

बड़ी जमा राशि पर मूल राशि का 50% या ₹500000 तक की आंशिक निकासी 3 महीने के भीतर बिना ब्याज के साथ ही किया जा सकता है।

गंभीर बीमारी के मामले में जमा कर्ताओं को जमा अवधि की परवाह किए बिना पूरी मूल राशि समय से पहले निकलने की अनुमति मिल चुकी है, लेकिन इस पर ब्याज नहीं दिया जाता है। इसके अलावा गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी को अब अधिक समय पर अपडेट जानकारी के लिए मेच्योरिटी पीरियड से कम से कम दो सप्ताह पहले डिपॉजिटर्स को मैच्योरिटी डिटेल की जानकारी देना अति आवश्यक है।

नॉमिनेशन अपडेट

NBFC को अच्छे से भरा गया नामांकन फार्म की प्राप्ति, नामांकन को रद्द करने या फिर उसमें बदलाव करने की प्रति देने के लिए उचित प्रणाली स्थापित करने की सलाह दिया गया है। सभी ग्राहकों को यह पावती प्रदान करना महत्वपूर्ण किया गया है। चाहे अनुरोध किया गया हो या फिर नहीं।

पासबुक में नामांकित व्यक्ति का जिक्र

NBFC को पासबुक या फिर रसीद पर नामांकन का विवरण दर्ज करने पर भी विचार करना होगा। इसमें कस्टमर की सहमति से नॉमिनेशन रजिस्टर्ड और नामांकित व्यक्ति का नाम लिखना शामिल होना चाहिए।

निकासी संबंधित प्रावधान

आरबीआई के नए नियम के अनुसार, सार्वजनिक जमा रखने वाले व्यक्तिगत जमा करता को जमा की तारीख से 3 महीने के भीतर ही समय पूर्व निकासी का अनुरोध करने की अनुमति दी गई है। ऐसे मामलों में मूल राशि का अधिकतम 50% या फिर ₹500000 से जो भी कम रकम हो बिना किसी ब्याज के निकाला जा सकता है। बाकी अमाउंट पर सहमत दर पर ब्याज मिलता रहेगा और सार्वजनिक जम के लिए मानक के वीनियमों का पालन किया जाएगा।

गंभीर बीमारी के मामले में

अगर किसी व्यक्ति की गंभीर बीमारी हो जाती है तो उसे मामले में डिपॉजिटर्स के पास जमा राशि की तारीख से 3 महीने के समय से पहले ही अपनी मूल जमा राशि की पूरी निकासी का अनुरोध करने का विकल्प होता है। यह विड्रोल बिना किसी ब्याज के जारी किए जाते हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण हो जाता है कि यह प्रावधान मौजूद जमा कॉन्ट्रैक्ट पर भी लागू होता है, जो पहले शुरुआती 3 महीने के भीतर समय से पहले निकासी के अधिकार को अनुमति नहीं देते थे।

डिपॉजिट मैच्योरिटी की जानकारी देना होगा

पहले NBFC को डिपॉजिटर कि उनकी जमा राशि के मैच्योरिटी के डेट के बारे में काम से कम 2 महीने पहले ही सूचित करना अति आवश्यक था। हालांकि अब इस सूचना अवधि को संशोधित कर दिया गया है और 14 दिन तक ही कर दिया गया है। NBFC को अब जमा करता हूं को जमा राशि की परिपक्वता से कम से कम 14 दिन पहले ही मेच्योरिटी डेट के बारे में सूचित करना होगा।

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