Supreme Court : 63 साल से किराएदार कर रखे थे प्रॉपर्टी पर कब्जा अब ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण फैसला सुनाई है। पता नहीं कि यह मामला शहर के पॉश इलाके में एक जिस पर एक किराएदार में 63 साल से प्रॉपर्टी पर कब्जा कर रखे थे। मकान मालिक पहले पिता और अब उनके बेटे ने इस लंबी कानूनी लड़ाई को लड़ा है लेकिन वे अब तक अपना ही घर वापस नहीं ले पाए हैं। आईए जानते हैं और जानकारी नीचे की लेख में विस्तार से।
Supreme Court : 63 साल से किराएदार कर रखे थे प्रॉपर्टी पर कब्जा, अब सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला
बता दे कि यहां शहर के पॉश इलाके में एक महंगी प्रॉपर्टी का मामला उभरकर आया है जिस पर एक किराएदार ने 63 साल से कब्जा कर रखे हैं। बता दे की मकान मालिक पहले पिता और आप उनके बेटों ने इस लंबी कानूनी लड़ाई को लड़े हैं। लेकिन वे अब तक अपने ही घर को वापस नहीं ले पाए हैं। वही यह स्थिति दिखता है कि भारत में संपत्ति विवादों को सुलझाने में कितना समय लग सकता है।
वही एक परिवार की दो जेनरेशन घर पानी की लड़ाई में ही लग रहे गए बता दे की किराएदार ने आराम से इतने साल एक पॉश एरिया के घर में निकाल दिए। वही ऐसा ही एक मामला 63 साल तक अदालत में चलता और आखिरकार अप्रैल 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने वह प्रॉपर्टी मलिक के बच्चों को दे दिए।
Supreme Court : कब शुरू हुआ कानूनी लड़ाई, जानिए नीचे की लेख में
बता दे कि यहां मामला 1952 ईस्वी में शुरू हुआ जब एक (A )व्यक्ति ने अपनी संपत्ति 10 साल के लिए कुछ लोगों (B) को किराए पर दिए। वही 1962 में यह संपत्ति किसी और (C) को बेच दिए गए।
वही 1965 में नए मालिक (C) ने देखा कि किराएदार बिना अनुमति के जमीन पर कब्जा किए बैठे हैं तो उन्होंने अदालत में बेदखली का मुकदमा दायर किए। हालांकि 1974 में यह मामला सुप्रीम कोर्ट में हार गए आईए और जानते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।
Supreme Court : हार के बाद भी नहीं रुके
आपको बता दे की 1975 ईस्वी में (C) ने फिर से जिला अदालत में केस दाखिला किए। वही यह मामला 1999 ईस्वी में हाईकोर्ट तक पहुंचा लेकिन 2013 में वहां से भी हार मिले बता दे कि इस दौरान मलिक की मृत्यु हो गए और उनके बच्चों ने कानूनी लड़ाई जारी रखें।
वही आखिरकार 24 अप्रैल 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला मलिक के बच्चों को पक्ष में सुनाएं। आईए और जानते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा, जानिए नीचे की लेख में
आपको बता दे की किरायेदारों के वकील ने तर्क दिए किया मालिक की मृत्यु के बाद उनके बच्चे पुराने कैसे को आगे नहीं बढ़ा सकते हैं। क्योंकि यह कैसे उनके पिता की जरूरत के आधार पर दायर किए गए थे। वही इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अपने शब्दों में कहीं की बोनाफाइड आवश्यकता को बड़े स्तर पर समझने की जरूरत है और इसमें परिवार के सदस्यों की ज़रूरतें भी शामिल होते हैं।
वही कोर्ट ने यह भी कहे की उत्तर प्रदेश शहरी भवन ( नियमन अधिनियम ) 1972 की धारा 21 (7) के अनुसार मालिक की मृत्यु के बाद भी उनके वॉलेट उत्तराधिकारी कैसे को आगे बढ़ा सकते हैं।
किराएदारों पर कोर्ट हुए सख्त
आपको बता दे कि सुप्रीम कोर्ट ने कहे की यह किराएदार 73 साल से इस प्रॉपर्टी में है। जिसमें से 63 साल बिना कानूनी अधिकार के हैं। उन्होंने इतने सालों में कोई वैकल्पिक व्यवस्था करने की कोशिश नहीं किए। अब ऐसे में यह साफ है कि उन्होंने जानबूझकर प्रॉपर्टी पर कब्जा जमाए रखें। आईए और पूरी जानकारी जानते हैं नीचे की लेख में।
अब क्या होगा
बता दे कि सुप्रीम कोर्ट ने 31 दिसंबर 2025 तक किरायेदारों को प्रॉपर्टी खाली करने का आदेश दिए हैं। वही साथ ही बकाया किराए का भुगतान करने का भी निर्देश दिए हैं। बता दे कि यह फैसला प्रॉपर्टी मलिक को और उनके वैध उत्तराधिकारियों के अधिकारों को मजबूत करते हैं।
जिससे उन्हें अदालत में न्याय मिल सकेंगे। वहीं यह किरायेदारों और मालिकों के बीच संपत्ति विवादों को सुलझाने में एक महत्वपूर्ण मिसाल कायम रखते हैं।